युवा शक्ति

हमें एक बीज मिला हैं।पर हम अनजान है उसके विशेषता व गुणों से। लेकिन इतना हम अवश्य जानते है कि अगर हमने इस बीज को सही वातावरण और ध्यान दिया तो यह पेड़ बनेगा फलेगा फूलेगा और सभी तरह से लाभकारी होगा। कल है उसका परिणाम। आज है हमारा ध्यान। इस बीच है एक बड़ा अंतराल धर्य और परिश्रम का। हमे इस अंतराल को भरने और हौसला बनाये रखने के लिए एक दूसरे के सहयोग की आवश्यकता है।इसीलिए हम यँहा एकत्रित हुए है। हम सभी कुछ करना चाहते है इसलिय नही की हम कुछ कर नही रहे या हम अपने जीवन से सन्तुष्ट नही है। कुछ ऐसा करने की कसक हमेशा बनी रहती है। जिसके करने से मुझे संतोष मिले या मेरे खालीपन को भरा जा सके। और ये तभी सम्भव है जब हम निस्वार्थ भाव से कुछ दुसरो के लिए करे। तो क्या हम सोशलिज्म करने के लिए यँहा है। मेरा मानना है बिना सोशलिज्म के व्यवसायिक ढाँचे की परिपक्वता को बनाये रखना मुश्किल ही नही असम्भव है। प्रश्न उठ सकता है तो क्या दुनिया भर के व्यवसाय क्या परिपक्वता के साथ नही चल रहे है। उनके और हमारे उद्देश्य में अंतर है। उनका उद्देश्य पैसा और सिर्फ पैसा कमाना है। हमारा उद्देश्य पैसे के साथ संतोष और परोपकार भी है।kuchalagkare.in

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