लेन देन की प्रक्रिया

प्रकृति ने हमे वो सब कुछ दिया जिसकी हमे जरूरत थी मेरा मानना है उसने देने मे कोई कंजूसी नही की पर हमने उस तरह से लौटाया नही। यही सब गड़बड़ हो गई। आपके इर्दगिर्द या आपके साथ कुछ ऐसा हो रहा है। जो आपको अच्छी अनुभूति नही दे रहा है। तो आपको वो सब लौटाना होगा जो भी प्रकृति ने आपको दिया है। बल्कि उससे कहीं ज़्यादा लौटाना होगा। यह जीवन लेन देन की एक प्रकिया है। आपको जितना मिलना चाहिए था पूरा पूरा मिला। लेकिन आपने उसे इकट्ठा कर लिया या उसे प्रकृति को लौटाया नही। तो आपने प्रकृति के नियम को तोड़ा है नियमों को तोड़ने पर सजा जरूरी है। वह चारो ओर दिख रहे गलत उसका परिणाम है।
एक अद्भुत शरीर परिश्रम और भोग के लिए। बुद्धिमत्ता विचार और समझ के लिए। ह्रदय स्नेह और प्रेम के लिये। मन भावनाओं के स्पंदन को महसूस करने के लिए। इन सभी का इस्तेमाल करने में आप कंजूसी नही कर सकते। यह जितना ज्यादा विस्तृत होगा उतना ही बढेगा। और जितना समेटा जाएगा यह उतना दुविधा देने वाला है।www.kuchalagkare.in

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