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Ideas for new india 2020

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kuchalagkare.in स्वास्थ्यवर्धक भोजन सबसे पहला मिशन होना चाहिए। कामगारों के लिए लंच की व्यवस्था किया जाना चाहिए। कर्मचारी वर्ग लंच के लिए या तो बाजार पर निर्भर हैं या घर से सुबह ही लेकर चलता है। अगर कर्मचारी वर्ग को समय पर ताज़ा और पौष्टिक आहार कार्यक्षेत्र में ही उपलब्ध कराया जाए वो भी बड़े पैमाने में और सस्ता तो अच्छा होगा। खेल, व्यायाम और मेडिटेशन को भी जीवन के दूसरे रोजमर्रा कर्मो की तरह गली गली में इसका विस्तार किया जाना चाहिए ताकि बच्चो में बड़ रहा मोबाइल के दुष्परिणमों से थोड़ी राहत दी जा सके। इसके लिए पार्कों व स्कूलों को उपलब्ध कराया जाए। बुजुर्गो व इस क्षेत्र के एक्सपर्ट युवाओं को लगाया जा सकता हैं। बुजुर्गो के चिंतन मनन या संगोष्ठी या विचार प्रस्तुति केंद्र संचालित किय जाए। सामाजिक राजनीतिक परिपेक्ष को उनके समक्ष रखा जाए। संकीर्तन मंडल का आयोजन किया जाए। गृहणियों को भी साधन उपलब्ध कराया जाए ताकि वे भी अपने खाली समय को किस तरह प्रॉडक्टिव बना सके। गली गली में ऐसे पर्यवेक्षक हों जो सभी से आइडिया का  संग्रह कर उन पर विचार विमर्श करे और उनको कार्यन्वित करने के लिए यथा संभ

प्रत्यक्ष

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kuchalagkare.in मुझे क्या चाहिए या दूसरों को क्या चाहिए। इनमे से मेरे लिए क्या महत्वपूर्ण हैं। दोनों ही महत्वपूर्ण हैं पर ज्यादा जरूरी यह है कि मुझे क्या चाहिए इसलिए पहले प्रश्न का जवाब तलाश किया जाए। मुझे चाहिए बहुत सारा पैसा और इतना ही संतुष्टि। पैसों के लिए मुझे सही दिशा में मेहनत और पैसा दोनों लगाना होगा फिर भी 100% गारंटी नहीं की मुझे पैसा मिल जाए संतुष्टि तो दूर की बात है। संतुष्टि के लिए चाहिए मेरा कार्य सबके भले के लिए भी हो और सबकी जरूरतों को भी पूरा करे साथ में पैसा भी कमाए। इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि आप जब स्वयं पर काम करेंगे तो सफलता जिस तरह कि आप चाहते हैं मुश्किल हैं। पर नामुमकिन नहीं। लेकिन इस नामुमकिन कि राह में थकान, निराशा,असफलता का डर, हताशा और भी न जाने कितने ही ऐसे पड़ाव से गुजरना पड़े जिनके बारे में अभी कुछ भी कहना सही नहीं होगा। लेकिन दूसरे प्रश्न पर निस्वार्थ का भाव है जो अपने आप में संतुष्टि और लक्ष्य से परे हैं। सिर्फ एक ही लक्ष्य है कुछ करना है निस्वार्थ। इसलिए यही सार्थक हैं कि दूसरों को क्या चाहिए। इसमें आपको सबकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कुछ साधा