दिमाग एक यंत्र


दिमाग एक यंत्र! जिसके द्वारा संचालित होता हमारा अस्तित्व क्या सही दिशा मे है ! यह जानने की कोशिश करना लगभग मूर्खता ही प्रतीत होगा क्योकि यह जानने के लिय भी हमे इसी यंत्र का उपयोग करना होगा ! तो क्या दिमाग के बिना हम कुछ भी नही ! समभावत: ऐसा नही है शरीर रूपी वृक्ष मे इसका स्थान सर्वोच्च है इसमे कोई संदेह नही अपितु शून्य या अनन्त को छूने के लिय इसका गौण या स्त्रेण होना आवश्यक है !
बुद्धिमता का उपयोग करके हमने अब तक जीवन को सुगम बनाने मे सफलता हासिल की अब समय है इसका उपयोग करते हुये हम मौन को उपलब्ध हो ! ताकि उस आयाम को भी स्पर्श कर सके जो बुद्धिमता से आगे है !kuchalagkare.in

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