वायरस

कोरोना वायरस महामारी के रूप में हमारे सामने है। इसने दुनिया में अपना एक खौफनाक मंज़र स्थापित कर लिया है लगभग दो महीने होने को आए हैं इसके डर से पूरी दुनिया अपने घरो में बंद हैं वायरस शब्द कोई नया शब्द है इस दुनिया के लिए ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं इतिहास गवाह हैं इससे पहले भी हमने कई तरह के वायरस देखे हैं जिनका मुकाबला करते हुए हमने अपने शरीर का त्याग किया तब भी मानवता जीती थी आज भी जीतेगी। वायरस हमारा दुश्मन नहीं हैं सहयोगी है वह हमारे शरीर के अंदर हैं जो हमारे शरीर को सुचारू और शक्तिशाली स्तर पर इसे चलाने के लिए अपना योगदान दे रही है। कोरोना वायरस नया हैं इसे भी हम अपने शरीर में एक अच्छा स्थान देंगे और यह भी अपने भाई बहनों की तरह हमारे शरीर को समयिक अनुकूल बनाने में मददगार साबित होगी। 

कोराना वायरस का सही शब्दों में अगर अर्थ निकाला जाएगा तो मैं इसे इस तरह परिभाषित करूंगा। को का अर्थ है साथ। रोना दुख की अभिव्यक्ति। वायरस का अर्थ है आंसू। अर्थात साथ मिलकर दुख की पीड़ा में आंसू का बहना। सभी सपने योजनाएं जो बनाई गई थी। इस वायरस के आगमन से पहले धराशाई हो गए। जो समझा करते थे। की कृष्ण की तरह उन्होंने ही इस धरती को वे संभाले हुए हैं वे भी आज घर में बंद हो गए। कितनो के प्रियजन बिछड़ गए जो जन्मों जन्मों की कसमें खाया करते थे न बिछड़ने की। यह सब दुःख का ही विषय है और वह भी एक दो जनों का नहीं पूरी दुनिया आज इस पीड़ा में हैं। ऐसी सामूहिक पीड़ा का अवसर बार बार नहीं मिलेगा। इस अवसर पर मिलकर(को रोना) रोए ताकि आंसुओं के सैलाब में यह वायरस धूल जाय।

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