संकुचित

संकुचित ह्र्दय संकुचित मन और संकुचित धन जीवन के सभी पहलुओं के लिए घातक है। संकुचित ह्रदय आपके प्रेम के प्रवाह को विस्तृत नही होने देगा। प्रेम समेटे है उम्मीद,विश्वास और रचनात्मकता। प्रेम आपको बुद्धि से परे ले जाने का सक्षम माध्यम है। प्रेम से ही  भक्ति का अहिर्भाव उत्पन्न होता है। संकुचित मन आपको कभी भी सपनो से आगे नही जाने देगा। मन में वो सामर्थ्य है जिसके द्वारा हम अपने चेतन और अवचेतन मन को छू सकते हैं। जीवन से परे जीवन को जानने का माध्यम है मन का विस्तार। संकुचित धन या तो बैंको में या तालो में कैद होते हैं। यह किसी भी तरह से उपयोगी  नही हो सकता। इसका सही इस्तेमाल इसको विस्तार देना ही है। इसका विस्तार ही इसका स्वरूप बदल सकता है। विस्तार ज्ञान के रूप में हो या आघात धन के रूप में इसका बढ़ना निश्चित है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बोलने की कला

प्रेम

रिधम